ईरान की न्यायपालिका में मानवाधिकार आयोग के सचिव मोहम्मद जवाद लारीजानी ने बल देकर कहा है कि इस्लामी रिपब्लिक ईरान ने मानवाधिकार के संबंध में जिन बातों पर हस्ताक्षर किया है उसके प्रति वह कटिबद्ध है क्योंकि वादे को वफा करना इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण विषय है।
उन्होंने तेहरान में बेल्जियम के विदेशमंत्रालय के एक अधिकारी से भेंट में कहा कि ईरान में जो डेमोक्रेसी है उसका आधार न लिब्रालिज्म है और न पश्चिमी सेक्युलर बल्कि उसका आधार इस्लाम एवं तर्क है।
ईरान की न्यायपालिका में मानवाधिकार आयोग के सचिव ने आतंकवाद से मुकाबले के संबंध में पश्चिम की दोहरी नीति की आलोचना करते हुए कहा कि इस संबंध में ईरान का दृष्टिकोण स्थिर व परिवर्तित न होने वाला है जबकि पश्चिमी देश आतंकवाद से मुकाबले के संबंध में दोहरा व्यवहार करते हैं। उन्होंने पश्चिमी व युरोपीय देशों की आलोचना करते हुए कहा कि बड़े खेद की बात है कि युरोपीय देश आतंकवादियों की शरण स्थली में परिवर्तित हो गये हैं।
उन्होंने इराक और सीरिया की परिस्थितियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिका आतंकवाद से मुकाबले का सबसे अधिक दावा करता है जबकि वह कुछ पश्चिमी देशों के साथ अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आतकंवादियों का प्रयोग एक हथकंडे के रूप में करता है।
2 जुलाई 2014 - 19:11
समाचार कोड: 620954

ईरान की न्यायपालिका में मानवाधिकार आयोग के सचिव मोहम्मद जवाद लारीजानी ने बल देकर कहा है कि इस्लामी रिपब्लिक ईरान ने मानवाधिकार के संबंध में जिन बातों पर हस्ताक्षर किया है उसके प्रति वह कटिबद्ध है क्योंकि वादे को वफा करना इस्लाम में बहुत महत्वपूर्ण विषय है।